अगर आपके परिवार में कोई 60 साल से अधिक उम्र का बुजुर्ग सदस्य है, तो यह जानकारी उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। वर्ष 2025 में भारत सरकार और कई राज्य सरकारों ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य बुजुर्गों को आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य से जुड़ी सुरक्षा देना है ताकि वे आत्मनिर्भर और सम्मानपूर्ण जीवन जी सकें। आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में विस्तार से।
आयकर में मिल रही बड़ी राहत
सरकार ने 60 से 80 वर्ष की उम्र के बुजुर्गों के लिए आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये सालाना कर दी है। इससे इस आयु वर्ग के अधिकतर लोगों को आयकर से पूरी छूट मिल जाती है।
वहीं, 75 वर्ष से अधिक आयु के उन वरिष्ठ नागरिकों को अब आयकर रिटर्न भरने से छूट मिल गई है जिनकी आय सिर्फ पेंशन और बैंक ब्याज से होती है।
इसके अलावा, बैंक ब्याज पर TDS की सीमा भी बढ़ाकर ₹1 लाख सालाना कर दी गई है। इससे उन्हें ब्याज पर अधिक रकम हाथ में मिलती है।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) – अब 11% तक ब्याज
जो बुजुर्ग सुरक्षित निवेश विकल्प की तलाश में हैं उनके लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना बेहतरीन विकल्प है।
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इसमें सरकार की ओर से 11% तक का सालाना ब्याज मिल रहा है।
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इसमें 30 लाख रुपये तक निवेश की अनुमति है।
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शुरुआती लॉक-इन अवधि 5 साल की होती है, जिसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
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हर 3 महीने में ब्याज सीधा बैंक खाते में जमा होता है।
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इस पर कर में छूट भी मिलती है, जिससे यह निवेश और फायदेमंद हो जाता है।
गरीब बुजुर्गों को ₹3500 मासिक पेंशन
जो बुजुर्ग गरीबी रेखा से नीचे (BPL) हैं, उनके लिए सरकार ने ₹3500 प्रति माह की पेंशन योजना शुरू की है।
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आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान है।
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ग्रामीण इलाकों में पंचायत कार्यालय, और
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शहरी इलाकों में नगरपालिका कार्यालय से आवेदन किया जा सकता है।
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जरूरत होती है बस कुछ बुनियादी दस्तावेजों की:
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आधार कार्ड
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आयु प्रमाण
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बैंक पासबुक
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पेंशन सीधे बैंक खाते में जाती है, जिससे कोई बिचौलिए की जरूरत नहीं।
आयुष्मान भारत योजना में 5 लाख का मेडिकल कवर
अब 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है।
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यह योजना कैंसर, हार्ट सर्जरी, किडनी, लिवर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कवर करती है।
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सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है।
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कई राज्यों में मोबाइल हेल्थ यूनिट गांव-गांव जाकर बुजुर्गों का इलाज कर रही है।
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टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए बुजुर्ग घर बैठे डॉक्टर से वीडियो कॉल पर सलाह ले सकते हैं।
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दवा की होम डिलीवरी की सुविधा भी दी जा रही है।
सरकारी बस और रेल यात्रा में छूट
सरकार ने बुजुर्गों की यात्रा को आसान बनाने के लिए कई राहतें दी हैं:
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60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा दी जा रही है।
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रेलवे में किराए पर विशेष छूट मिलती है और आरक्षण में प्राथमिकता दी जाती है।
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एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर, प्राथमिकता सेवा और खास काउंटर की सुविधा मिलती है।
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सरकारी दफ्तरों में सीनियर सिटीजन कार्ड धारकों को फास्ट ट्रैक सेवा मिलती है।
बैंकिंग में विशेष सुविधा
बैंकिंग क्षेत्र में भी बुजुर्गों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं:
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हर बैंक में सीनियर सिटिज़न काउंटर बनाया गया है।
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FD पर ज्यादा ब्याज दर मिलती है।
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SCSS जैसी योजनाएं विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए हैं।
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₹1 लाख तक के ब्याज पर TDS छूट दी जाती है।
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बैंक कर्मचारी बुजुर्गों से सम्मानपूर्वक व्यवहार और धैर्य से बात करें – इसका प्रशिक्षण भी दिया गया है।
सीनियर सिटीजन कार्ड – विशेष पहचान के साथ प्राथमिकता
सरकार ने अब बुजुर्गों के लिए एक विशेष पहचान पत्र – सीनियर सिटीजन कार्ड जारी करना शुरू किया है।
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इससे उन्हें सरकारी अस्पताल, बैंक, परिवहन, और अन्य सेवाओं में प्राथमिकता मिलती है।
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यह कार्ड ऑनलाइन पोर्टल या लोक सेवा केंद्र (CSC) से बनवाया जा सकता है।
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ज़रूरी दस्तावेज:
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आधार कार्ड
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आयु प्रमाण पत्र
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पासपोर्ट साइज फोटो
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योजनाओं का लाभ कैसे लें?
इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए बुजुर्गों या उनके परिजनों को कुछ स्टेप्स अपनाने होंगे:
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SCSS योजना के लिए: नजदीकी डाकघर या बैंक शाखा में आवेदन करें।
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मासिक पेंशन के लिए: पंचायत या नगरपालिका कार्यालय में फॉर्म भरें।
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स्वास्थ्य बीमा के लिए: नजदीकी सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण कराएं।
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सीनियर सिटीजन कार्ड के लिए: ऑनलाइन या CSC केंद्र पर फॉर्म भरें।
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दस्तावेज़ जरूरी होंगे:
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आधार कार्ड
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उम्र प्रमाण
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बैंक खाता विवरण
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आय प्रमाण (कुछ योजनाओं के लिए)
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इन योजनाओं का सामाजिक असर
सरकार की ये पहलें बुजुर्गों के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला रही हैं:
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आर्थिक सुरक्षा: पेंशन और निवेश योजनाओं से बुजुर्ग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
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स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर: मुफ्त इलाज और होम डिलीवरी से स्वास्थ्य पर खर्च कम हुआ है।
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सम्मान और प्राथमिकता: सरकारी सेवाओं में प्राथमिकता मिलने से बुजुर्गों को आत्मसम्मान मिला है।
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सामाजिक भागीदारी: यात्रा सुविधाओं से अब वे सामाजिक और पारिवारिक कार्यक्रमों में अधिक हिस्सा ले पा रहे हैं।
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डिजिटल सुविधा: टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन बैंकिंग और मोबाइल हेल्थ यूनिट जैसी तकनीकों ने जीवन आसान बनाया है।
निष्कर्ष: बुजुर्गों के लिए स्वाभिमानी जीवन की ओर एक कदम
सरकार की इन योजनाओं का मकसद सिर्फ वित्तीय सहायता देना नहीं है, बल्कि बुजुर्गों को आत्मनिर्भर, सम्मानपूर्ण और सक्रिय जीवन जीने में मदद करना है। अगर आपके घर में भी कोई सीनियर सिटीजन हैं, तो आप उनकी सहायता से इन योजनाओं का लाभ जरूर दिलाएं। एक छोटे से प्रयास से आप उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
अस्वीकरण:
यह जानकारी विभिन्न सरकारी वेबसाइटों व ऑनलाइन स्रोतों पर आधारित है। योजना की शर्तें समय के साथ बदल सकती हैं। आवेदन करने से पहले कृपया आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित सरकारी कार्यालय से पुष्टि अवश्य करें।